ख़ुशी िमल जाये किताबो के पन्ने पलट के सोचता हूँ यू पलट जाय मेरी जिंदगी तो क्या बात है खोआबो में जो रोज मिलते है जो हकीकत में आये तो क्या बात है कुछ मतलब के लिए ढूढ़ते है सब मुझको बिन मतलब जो आये तो क्या बात है कत्ल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा कोई बातो से ले जाये तो क्या बात है जो शरीफों की शराफत में बात न हो एक शराबी कह जाये तो क्या बात है अपने रहने तक तो ख़ुशी दूंगा सबको जो किसी को मेरी मौत पे ख़ुशी मिल जाये तो क्या बात है **************************************** ****************************** |
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